भावी कार्य योजना
11 सूत्री कार्यों को जारी रखने के साथ संस्था ने निम्नलिखित भावी कार्य योजना को लक्षित किया है। यह कार्ययोजना कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति से भी प्रेरित है।
1. स्वरोजगार हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम।
2. उन्नत खेती एवं जैविक कृषि से रोजगार सृजित करना।
3. कोविड.19 के परिप्रेक्ष्य में जल/ सफाई /स्वच्छता कार्यक्रम।
4. महामारी के रोकथाम हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम।
5. गरीब बच्चों का शिक्षण।
6. बाल अधिकार संरक्षण।
7. असंगठित मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा।
8. जल.निकाय/पोखड़/तालाब/कुँआ का पूर्नोद्धार।
युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण
गाँवों में बढ़ते बेरोजगारी और इसके कारण उत्पन्न पलायन को देखते हुए संस्था ने रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाई है। कोविड.19 ने जिस तरह की रोजगार की त्राषदी उत्पन्न किया है जिससे हमें मजदूरों के लिए जरूरी कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। एक कौशल प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव है जहाँ राजमिस्त्री, कल.मिस्त्री (पलम्बर), बढ़ई, चालक तथा अन्य को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। महिलाओं के लिए सिलाई, कटाई, कढ़ाई तथा खाद्य.पदार्थ के निर्माण से संबंधित प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की योजना बनाई गई है।
जल स्वच्छता
कोविड-19 के बाद उत्पन्न परिस्थिति में एक सघन जल स्वच्छता संबंधित जन. जागरूकता कार्यक्रम की आवश्यकता महसूस की गई है। लोगों को हाथ धोना, व्यक्तिगत तथा सामुदायिक साफ.सफाई पर जागरूक करने की जरूरत है। साथ ही घरेलू तथा समुदाय स्तर पर शौचालय तथा अन्य साधनों के निर्माण की जरूरत है। संस्था ने पिछले अनुभवों के आधार पर पंचायती राज संस्थाओं के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान सफल बनाने का निर्णय लिया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य तथा महामारी
कोविड-19 ने हमें सामुदायिक स्वास्थ्य की जरूरत बताई है। वर्षों से यह उपेक्षित विषय रहा है। अब सामुदायिक स्वास्थ्य, महामारी और इसके विभिन्न कारकों जैसे स्वच्छता, पोषण, रोग.प्रतिरोधक क्षमता तथा स्वास्थ्य व्यवहार के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। साथ ही समुदाय को स्वास्थ्य संबंधी आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक और प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
बच्चों की शिक्षा तथा बाल अधिकार की रक्षा
लाखों बच्चे गरीबी में रहते हैं। कोविड-19 ने बच्चों के लिए इस गरीबी की खाई को और बढ़ा दिया है। इसने बच्चों के जीवन रक्षा, विकास और सुरक्षा के खतरे को बढ़ा दिया है। बाल मजदूरी, बच्चों की तस्करी, असमय विद्यालय छोड़ने की घटना की संभावना काफी बढ़ी है। लड़कियों से भेदभाव की संभावना भी बढ़ गई है। संस्था इन खतरों को देखते हुए सघन बाल संरक्षण अभियान की योजना बनाई है।
असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा
असंगठित क्षेत्र के मजदरों की सामाजिक सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा है। कोविड.19 के बाद यह मुद्दा और गंभीर हो गया है। संस्था ने पूरे देश भर में असंगठित मजदूरों का सामाजिक सुरक्षा हेतु देशव्यापी अभियान चलाने और साथ ही मजदूरों को लघु वित्त संबंधित विषयों पर जागरूक और प्रशिक्षित करने का भी निर्णय लिया है।